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दिव्य है राघव का श्रृंगार ।।।।। जय श्री राम ।।।।।

श्री अयोध्या धाम में बाल रूप में विराजे श्री राम लला को पीले सोने का मुकुट पहना हुआ है इसे हीरा पन्ना मानिक से सजाया गया है। श्री राम लाल के माथे पर पीले सोने का तिलक बनाया गया है साथ ही उनके वस्त्र भी हर दिन के लिए अलग है
सोमवार को राघव का श्रृंगार सफेद रंग की पोशाक से किया जाता है।।।।
मंगलवार को वह लाल रंग का वस्त्र धारण करते हैं।।।।
बुधवार को रघुपति हल्के हरे रंग के कपड़े में सजते हैं।।।।।
गुरुवार को उन्हें पीले रंग के कपड़ों में सुशोभित किया जाता है।।।।।।।।।
शुक्रवार को क्रीम कलर की पोशाक में उनकी छवि अलौकिक दिखती है।।।।।।
शनिवार को नीले और रविवार को गुलाबी वस्त्रों में रघुपति सजते हैं।।।।।
बात की जाए रघुराई के गहनों की एक हाथ में पन्ने की एक अंगूठी है तो दूसरी में माणिक्य की अंगूठी है पंचलड़ा को हीरे पोलकी और पन्ना से सजाया गया है
साथ ही सोने की बनी 2 किलोग्राम की विजयमाला और सोने का ही कमरबंद सुशोभित है श्री राम का बाजूबंद सोने से ही बनाया गया है इसका वजन 400 ग्राम है वहीं उनके कंगन भी सोने के हैं जो तकरीबन 850 ग्राम के हैं श्री राम लाल के पैरों में जो खगडूआ है वही 400 ग्राम का है उन्होने सोने का ही पायल पहनी हुई है साथ ही सोने से बने धनुष बाण राघव की छवि को और भी सवार रहे हैं

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